FASCINATION ABOUT PARAD SHIVLING TEMPLE IN INDIA

Fascination About parad shivling temple in india

Fascination About parad shivling temple in india

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शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।

शर्करा मिश्रिता तत्र यदा बुद्धिर्जडा भवेत्।

100% PURE PARAD (MERCURY) SHIVLING FOR Each day HOME POOJA :- will help to satisfy all their needs which includes prosperity, family members, kids and spiritual blessings. Any person who's got proven PARAD SHIVLING at their home may have their daily life stuffed with income, joy and may be freed from undesirable outcomes and extensive existence.

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Ordinarily, individuals stop by a temple to provide their prayers and acquire Bhagwan Shivji’s blessing. However , you can working experience exactly the same miraculous and tranquil grace when you welcome Bhagwan Shiva in the shape of Parad Shivalinga as part of your home.

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श्रेष्ठा बुद्धिर्भवेत्तस्य कृपया शङ्करस्य च!!

Cleansing the Brain and Physique: Just before approaching the Shivling, it is important to cleanse your intellect and body. This can be attained via meditation and having a purifying bathtub, signifying the readiness to connect With all the divine.

- नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर कहा जाता है. - नर्मदा नदी को शिव के वरदान के कारण इससे प्राप्त होने वाले शिवलिंग को इतना ज्यादा पवित्र माना जाता है.

श्रावण महीने में शिव पूजा बहुत ही लाभदायक है। यदि आपको पारद शिवलिंग मिल जाए तो आपके परम सौभाग्य की बात है। श्रावण मास में पारद शिवलिंग लाकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में शिव परिवार अथवा पार्वती-शिव की तस्वीर है तो पारद शिवलिंग को उन्हीं के समक्ष स्थापित करें। चांदी, तांबा अथवा पीतल की प्लेट में सफेद वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान करें। उससे पहले उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान शिव के मंत्रों से उनका आह्वान करें। ’ओम् नमः शिवाय। ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ आदि मंत्रों से एक अथवा दो माला का जाप करके उन्हें अपने आसन पर विराजमान करें। प्रातः अपनी नियमित पूजा के साथ साथ उन पर गंगाजल, धूप-दीप, पुष्प आदि चढ़ाएं अथवा चंदन का लेप करें एवं प्रार्थना करें।

Praying to Parad Shivling, by putting a ghee lamp every single day before the Shivaling, yields the benefit of visiting the twelve Jyotirlingas. It washes away your sins with the earlier births and will help you achieve moksha in this start.

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पार्थिव शिव लिंग, जिसे सैकता लिंग भी कहा जाता है, मिट्टीध्रेत (पार्थिव का अर्थ पृथ्वी) से बना लिंग है। रेत/मिट्टी से बने लिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा करना चट्टान या पारे से बने लिंग की तुलना में अधिक पवित्र, दिव्य और आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली माना जाता है। पूजा का यह रूप नव-ग्रह दोष, शनि दोष, या उनकी कुंडली से संबंधित समस्याओं जैसी चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जिससे उन्हें अपनी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

This is a scenic area in Parbhani district. There is certainly an inexhaustible hurry of tourists from all over the point out to expertise the fantastic creations of mother nature on this island.

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